प्रह्लाद अग्रवाल – तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र

0
120
प्रह्लाद अग्रवाल – तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र
तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र" प्रख्यात गीतकार शैलेंद्र के जीवन और उनके सृजनात्मक संघर्ष को उजागर करने वाला एक संवेदनशील और प्रेरणात्मक लेख है।
प्रह्लाद अग्रवाल ने इस लेख में शैलेंद्र के कवित्व, फिल्म निर्माण, और उनकी फिल्म ‘तीसरी कसम’ से जुड़ी भावनात्मक यात्रा को सजीव रूप में प्रस्तुत किया है।
शैलेंद्र केवल एक गीतकार नहीं, बल्कि सपनों और सरोकारों से जुड़े एक संवेदनशील रचनाकार थे, जिन्होंने लोक जीवन, प्रेम, संघर्ष और सामाजिक चेतना को अपने गीतों में पिरोया।
लेख विद्यार्थियों को कला के प्रति प्रतिबद्धता, आर्थिक चुनौतियों में सृजन की निरंतरता, और सिनेमा व साहित्य के अंतर्संबंध को समझने में मदद करता है।
यह रचना शैलेंद्र की कला साधना और ईमानदारीपूर्ण रचनात्मक दृष्टि को जानने का अवसर देती है।
Didn’t Find What You Need?
Looking for a fresh resource, a different version, or a custom format? We’ll create it just for you!